[avatar user=”Seema Shukla” size=”98″ align=”center”]Seema Shukla[/avatar]
पुराना वक्त है आकर…. ठहर जाता है कांधों पर,
मैं उस पल भूल जाती हूँ,…
कहाँ मैं हूँ .. कहाँ वो है..?
हज़ारो ख्वाहिशें ..शिकवे .शिकायत ….;
और कुछ झगड़े .. !
सभी पर हूँ, परेशान पर…
कहाँ मैं हूँ कहाँ वो है ..पर
वो ख्वाबों की बुनावट..
वो मोहब्बत के तसव्वुर सब …..
सजे हैं.. पास में मेरे..! पर ..
कहाँ मैं हूँ… कहाँ वो है…..??