[avatar user=”vibha” size=”98″ align=”center”]Vibha Pathak[/avatar]मन करता है…….
चिड़िया बन कर,
आसमाँ में उड़ जाऊं
चूँ-चूँ की धुन से
सोयी धरती में चहकती भोर ले आऊं
मन करता है चिड़िया बन कर
फुदक-फुदक उड़ जाऊं
ले खुशियों के संदेशे
दूर देश पहुंचाऊँ
इस डाली से उस डाली बैठ
समरसता का पाठ पढ़ाऊँ
है कितना सुंदर ये जहाँ
पूरी दुनियां को बतलाऊँ
छोडूं फ़िक्र पूरी दुनियां की
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाऊँ
मन करता है चिड़िया बन कर
लहर-लहर लहराऊँ
निस्तब्धता को तोड़
स्फुरण को ले आऊं
मन करता है चिड़िया बन
हर पल चहकूँ मुस्काऊँ
है पल दो पल की ज़िंदगी
हर पल सबको हँसना सिखाऊं
- विभा पाठक