जीवन की डगर जब भी कमजोर लगने लगती है , मेरी प्रेरणा मेरी मां मुझे संभालती है । लाख कोशिशों के बावजूद जब सफलता नहीं मिल पाती है , तब मां बस एक कोशिश और कह कर मुझे आगे बढ़ाती है।
एग्जाम में मेरे तनाव को दूर करना हो या फिर मेरी इच्छाशक्ति को मजबूत करना हो,माँ खुद के उदाहरणों से हर वक्त प्रेरित करती हैं, जी जरूर, मेरी प्रेरणा मेरी मां मुझे हर वक्त संभालती है।
एक मोड़ ऐसा भी आया जब अतीत ने मुझे वापस अपने उसी अंधेरे में बुलाया, जिसमें मैंने अपनी जिंदगी के न जाने कितना कीमती वक्त था गंवाया, वो मेरी माँ ही थी जिसने मुझे जीवन में अग्रसर कर खुद के लिए जीना सिखाया।
जी ज़रूर, मेरी प्रेरणा मेरी माँ मुझे हर वक्त संभालती हैं ।
उलझ सी जाती हूँ अक्सर अपने ही ख्यालों में, किस रास्ते को चुनूं शायद इन्हीं नन्हें सवालों में , चाहे छोटे हो या बड़े माँ मुझे हर उलझन से निकाल लाती हैं, न जाने कैसे मुझ नादान को माँ संभाल पाती है।
इसीलिए गर्व है मुझे ये कहने में कि,
मेरी प्रेरणा मेरी माँ मुझे हर वक्त संभालती है, जीवन के कठिन रास्तों पर चलना सिखाती है।
- Ankita Srivastava