इस दुनिया में जिंदगी, महज;
उन लोगों के पास ही नहीं है,
जिनके इशारों पर
सुविधाएं दासी की तरह हाजिर हो जाती है,
या जिनके बस्ते में किताबों जितना ऐश भरा रहता है।
जिंदगी;
उनकी भी है,
जिनकी कोमल पलकों में;
कोचिंग के दरवाजे पर लिखी फीस;
चुभती है आलपिन की तरह,
या जिनके बस्ते की बध्धी,
रोज; बीच रास्ते में टूटती है,
और कमीज;
किसी तरह बची रहती है,
स्वप्नों के रंगीन धागों के सहारे …
~ मौसम ~