कैसे कह दूँ…? 527 लोगों में खटपट संसद में जमघट दुतरफी बातें सुबकती रातें लुटती लाज मौन समाज तरसता बचपन उलझता जीवन ! तरक्की के धागे अभी बेहद कच्चे हैं मैं कैसे कह दूँ हालात अच्छे हैं …? मोहिनी तिवारी