दायरें
सीमाएं
हदें
सरहदें
दहलीजें
मर्यादाएं
परिधियाँ
लिमिटेशन्स
ये सभी शब्द
जीवन पथ पर
द्रुतगति से चलने में
दुरूहता लाते है
एक ठहराव एक
अवरोध दिखलाते है
किंतु यही सारे शब्द
कहीं न कहीं जीवन को
सुनियोजित रीति से मिलातें है
जीवन लक्ष्य भेदकर
सुनहरें मंज़िलों से मिलातें है
निज अन्तः मन को
आत्म -सम्मान दिलातें हैं
–विभा पाठक