आज मेरा पर्यावरण
कल के जैसा न रहा
ये वादियां ये घाटियां
ये वन में चमन कहां
आज मेरा पर्यावण
कल के जैसा न रहा
आज ये वन कहां
वन के जंगली जानवर कहां?
आज मेरा पर्यावरण
कल के जैसा न रहा
चांदनी इन रातों में
झूमती कलियां कहां?
वातावरण को महकाने वाली
ये कलियां ये गलियां कहां?
आज मेरा पर्यावरण
कल के जैसा न रहा
आओ सब मिलकर
बचाये इस प्रकृति को
आज फिर से यूं
पहले जैसी पृथ्वी बना डाले
नहीं तो आज भी
कहने को यही रहेगा
आज मेरा पर्यावरण
कल के जैसा न रहा।
- मंजू नायर