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ए चाँद!!!
तू फिर खूबसूरत हो गया,
आज तू ईद का हो गया…
लगा तो तब भी प्यारा था
जब तू चौथ का था,
पर जो बात है तुझमें पूनम का होने में,
वो कहाँ किसी और दिन का होने में…
जो तू होता है पूनम का चाँद,
दिखते हैं तेरे हर ऐब,
उजले से पाक चेहरे पे,
फिर भी तू बनता है
किसी दिल के चेहरे सा,
तू मिटा देता है अंधेरा
समा जाता है सभी में रौशनी सा…
देख के तुझको
पंछी भी मुस्कुराते हैं,
चकोर इस धरा के
तुझमें ही नज़र आते हैं
हो खूंखार कितने ही पशु भी
मुहब्बत का राग गुनगुनाते हैं…
पेड़ों के पीछे से झाँकता
दिल मे उतरता जाता है,
बादलों के पीछे छिपता
हर कली में मुस्कुराता है…
——अनीता
Very beautiful lines.
Great going.
Keep it up.