डॉ. सुजाता वर्मा स्मृति समिति ने अपने प्रथम वर्ष में ” आतंकवाद : समस्या और समाधान ” विषय पर एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज कानपुर में आयोजित लेखन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह पर सांसद एवं आई.पी.एल. कमिश्नर श्री राजीव शुक्ल ने केरल की मंजु नायर एस. व चेन्नई की पूजा पराशर को ३१०० रूपए का प्रथम पुरस्कार व स्वर्गीय श्री हर प्रकाश स्मृति स्वर्ण तथा स्व. श्याम सुन्दर सचदेवा स्वर्ण पदक प्रदान किया |
अंजलि कुशवाहा को २१०० रुपये का द्वितीय नगद पुरस्कार तथा स्वर्गीय श्याम सुन्दर सचदेवा रजत पदक प्रदान किया | काजल चौधरी को ११०० रुपये का तृतीय पुरस्कार तथा रजत पदक प्रदान किया | अमिता श्रीवास्तव व मोहिनी तिवारी को पांच – पांच सौ रूपए का सांत्वना पुरस्कार दिए |
श्री शुक्ल ने इस अवसर पर आमंत्रित तथा प्रतिभागियो के लेखो की पुस्तक “आतंकवाद : समस्या और समाधान” का विवेचन किया तथा उन्हें प्रशस्ति पत्र एवं प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिए |
अपने सम्बोधन में श्री शुक्ल ने प्रतियोगिता में छात्र – छात्राओं के भाग लेने के लिए उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की तथा कहा की यह प्रतियोगिता जीवन मे उनकी सफलता की राह में मील का पत्थर सिद्ध होंगी |
मुख्य वक्ता प्रख्यात साहित्यकार डॉ. प्रदीप शर्मा ‘स्नेही’ ने आतंकवाद के विरुद्ध मनोवैज्ञानिक एवं वैचारिक स्तर पर दिग्भ्रमित युवाओ को दिशा देने के लिए प्रेरित किया |
इस अवसर पर डॉ. सुरेश अवस्थी, डॉ. कमल मुसद्दी, श्री लोकेश शुक्ला, श्री दिलीप दुबे, श्री धीरज सिंह चन्दन व श्रीमती सुनीता अग्रवाल ने काव्यपाठ किया
अतिथियों का स्वागत कॉलेज की प्राचार्य डॉ, पूर्णिमा त्रिपाठी ने किया | डॉ. सुरेश अवस्थी ने समिति का संक्षिप्त परिचय दिया | श्रीमती रचना शर्मा व डॉ. विजय लक्ष्मी पाण्डेय ने पद्य रूप में डॉ. सुजात वर्मा के संस्मरण प्रस्तुत किये | समिति की अध्यक्ष सरन पी. वर्मा ने अतिथियों को धन्यवाद दिया | डॉ. कमल मुसद्दी ने कार्यकम का सञ्चालन किया |
कार्यकम में डॉ. रचना निगम , डॉ. हरीश झा ,ममता अग्रवाल ,सुश्री कुमुद तथा शिक्षणेततर कर्मियों का विशेष योगदान रहा |
समारोह का आयोजन एस.एन. सेन महाविद्यालय , आल इंडिया साइंस कांग्रेस एसोसिएशन कानपूर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ |
इस अवसर पर सेन महाविद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण मिश्र ,सचिव श्री पी. के. सेन , संयुक्त सचिव सुब्रो सेन उपस्थित थे |
श्री शुक्ल ने कहा की आज फिल्मो व टेलीविजन सीरियल के लिए हिंदी में कथा व स्क्रिप्ट लेखको का बहुत अभाव है | यदि समिति से एक वर्ष में २५ स्क्रिप्ट लेखक अथवा पटकथा लेखक देश को मिल सकें तो गौरव की बात होगी और उपज रही लेखन शून्यता भी समाप्त होगी |
इस वर्ष केरल ,चेन्नई ,महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश ,दिल्ली व उत्तर प्रदेश में लगभग ५० प्रविष्टिया प्राप्त हुई | प्रतियोगिता में शामिल लेखों का मूल्यांकन तीन निर्णायकों ने अपने अपने स्तर पर किया और प्रतिभागियों को अंक दिए | तीनों निर्णायकों के द्वारा दिए गए कुल योग के आधार पर प्रथम ,द्वितीय ,तृतीय व सांत्वना पुरस्काये का चलन हुआ |
निर्णायकों में दैनिक हिंदुस्तान के समाचार संपादक श्री ऋषि शुक्ल, डॉ. वीरेंद्र स्वरुप शिक्षण संस्थानों के सी.ई.ओ. डॉ. एम.ए.नकवी तथा प्रख्यात कवियित्री एवं लेखिका डॉ. कमल मुसद्दी थी | तथा इंडिया साइंस कांग्रेस एसोसिएशन कानपुर चैप्टर की संयोजिका डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना व एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट जनरल डॉ. अशोक सक्सेना उपस्थित थे |
चार घंटे के अनवरत कार्यकम में नगर अनेक गणमान्य जिनमे श्री प्रवीन मिश्र, श्री पी.के. सेन, श्री सुब्रो सेन, दीपाश्री, डॉ. डी.सी. शुक्ल, श्री एस. सी. श्रीवास्तव उपस्थित रहें |
संपूर्ण कार्यकम का प्रबंध डॉ. हरीश, कुमुद, डॉ. रचना निगम, डॉ. सुभा बाजपाई तथा समिति की मंत्री प्रिय वर्मा ने किया |
— निर्णायकों के अनुसार अधिकांश लेखो में मौलिकता का आभाव था
— प्रतिभागियों ने नेट पर उपलब्ध सामग्री का हूबहू उपयोग किया
— प्रतिभागी लेखक मूल विषय पर अपने विचारों को केंद्रित नहीं कर पाए थे
— भाव अभिव्यक्ति में उपयुक्त शब्दो के प्रयोग का अभाव था
— भाषा में साहित्यिक पुट नहीं था
— प्रतिभागियों ने समाधान प्रस्तुत न कर विषय के ऐतिहासिक पक्ष पर अधिक बल दिया
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