*** मिलने से पहले ***

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मुकम्मल होने की उम्र में नादां हो रहे थे तुम,
जाने क्यों मुर्दों के वास्ते बेजां हो रहे थे तुम ।

मुमकिन होने से पहले मुझसे बिछड़ भी जाओ,
मिलने से पहले मेरे लिए खुदा हो रहे थे तुम ।

कितनी दफा हुई रहमत तेरे ख्यालों से,
कलम से इबादत की तरह अदा हो रहे थे तुम ।

~ मौसम ~

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