💞 कुछ बांट लो💞
प्यार का हफ्ता है प्यार बांट लो
हवा प्यार की, मनुहार बांट लो,
जीवन हो खुशरंग फूल सा
आपस मे वो दुलार बांट लो,
जुड़े हो जो साथ जीने को
जीवन का वो आधार बांट लो,
जोड़े जो दो किनारों को
उस नैया का पतवार बांट लो,
जो धो दे हर शिकवे शिकायतें
उस बारिश का आसार बांट लो,
कहने सुनने की बारी है अब
बातों का वो अम्बार बांट लो,
मिलते ही जिनके, धड़का था दिल
आज नज़रों की वो कटार बांट लो,
इन्तज़ार में उनके जो गुज़र गए हों
वो एहसासों के इतवार बांट लो,
आंखों से जो गिरे कभी हों
मोतियों के वो हार बांट लो,
कहा सुनी जो हुई कभी हो
फूल गुलाब के दो चार बांट लो,
सींचा है जिसको खून से अपने
प्यारा वो परिवार बांट लो,
दुख सुख है जब साथ मे जीना
बुढापा वो प्यारा, मेरे यार बांट लो,
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– अनिता राय, assistant teacher, basic shiksha parishad, kanpur dehat, UP