परिभाषा- दोस्ती की

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वह दोस्ती,
दोस्ती नहीं,
जो बीच राह
हाथ छुड़ा ले |
दोस्ती तो ,
वह दोस्ती है,
जब हम गिरे
तो दोस्त,
उठाने के लिए ,
अपना हाथ बढ़ा दे |
~पूजा पाराशर ~

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