आजादी अस्तित्व की
मुबारक हो आजादी आप सभी को
हम तो आज भी कैद है
मात्रभूमि तो हमारी भी है
पर नर -नारी का ही यहां महत्व है
जिस वतन पे सभी को नाज है
तो मत भूलो
ये किन्नर भी उसी वतन का भाग है
यहां रह रहे प्रतेक नागरिक से
होता है |
वतन ओर राष्ट्र का निर्माण है
तो तृतीय वर्ग को क्यू देना पड़ता इम्तेहान है
आजाद तो गुलामी से सब हो ही गए है
तो अब दे दो आजादी
पढने लिखने की
किन्नर वर्ग को भी
ऐसा वातावारण बनाये
की कोई भी तृतीय पंथी
शिक्षा क्षेत्र मे जाने से ना घबराये
ना उड़ाये खिली ना उड़ाये उपहास
समझकर उन्हे भी अपना ही खास
दे दो हमे आजादी
हमारे मुलस्वरूप की
कह दो हमारे अपनो से
ना हमारी पहचान को समाज से छूपाये
जीने दो हमको हमारे अस्तितव के साथ
ताकी हम भी खुल के मुस्कुराये
दे दो हमे भी आजादी
हमारे अस्तित्व की
समाज मे उठ कर पंख फैलाने की
क्यूँकी
आजादी ना सिर्फ नर की है ना नारी की है
यहां रह रहा तृतीय वर्ग भी इसका अधिकारी है .
- रुद्रांशी भट्टाचारजी